आपकी क़ाबिलियत अपने दम पर क्या कर सकते हो माता पिता पर कितने आश्रित रहोगे
धोखा देता है ये स्थान
अक्सर यह स्थान धोखा दे देता है इसलिए ध्यान से पढ़ना इस स्थान के बारे में। दरअसल जन्मकुंडली था कोई भी स्थान अपने मालिक का पता ढूंढता है। तीसरे घर का मालिक होता है बुध और कारक होता है मंगल। बूथ मालिक ज़रूर है परंतु इसका असली हक़दार जो यहाँ बसना चाहता है वो है मंगल।
तीसरे स्थान में मंगल
जब तक भावनाएँ आपके जीवन में रहेंगी जीवन से नार्क समाप्त ही नहीं होगा। मासूम बनकर जियोगे तो आपकी मासूमियत का लाभ दूसरे उठाएंगे। आपके कर्म आपको बुला रहे हैं।
तीसरे स्थान में राहु
आपके जीवन में छल कपट इतना अधिक पश्चाताप जाएगा कि आपको पश्चाताप करना पड़ेगा। पश्चाताप? उस गुनाह का जो आपने किया ही नहीं था। हो सकता है अब आप गुनाह करने को मजबूर हो जाएं।
तीसरे स्थान में केतु
कठोर कर्मों का ईनाम मिलेगा और धर्म कर्म का नुक़सान होगा। आपने देखा होगा जब तक आप पूजा पाठ में उलझे थे पूजा पाठ से फल भी मिलता था परंतु संघर्ष जारी था लेकिन यहाँ आपको अंतर समझना चाहिए।
अगर हो सके तो अपने जीवन के पीछे के अनुभव एक बार फिर से देखो।
तीसरे स्थान में सूर्य
राजा हुक्म देने के लिए होता है स्वयं काम करने के लिए नहीं इसलिए जब तक आप अपने आप सब कुछ करते रहे संघर्ष करते रह गए परंतु जब काम दूसरों से करवाना आ जाएगा उस समय पता लगेगा कि आपने कितना समय व्यर्थ गंवा दिया।
तीसरे स्थान में शुभ ग्रह
क़ामयाब थे वो लोग जिन्हें उस समय थोड़ी बेशर्मी दिखा दी और बाद में ज़िम्मेदारियाँ आ गई आपके कंधों पर हो सकता है धर्म का लाभ आपको मिल जाए मिलेगा ही परंतु दूसरों का नर्क काटने के बाद।
वाक़ई आपने जीवन में सब का भरण पोषण किया होगा आपको मलाल नहीं होगा आपका बुढ़ापा बोहोत अच्छा है।
दोस्तों को भी भाई समझने वाले ग़ैरों का पिंडदान करने वाले बनेंगे आप।
तीसरे स्थान में शुभ ग्रह
चाहे कितना ही नुक़सान क्यों ना हो जाए चोरी का हराम का खाने से आप परहेज़ करेंगे और हज़म भी नहीं होगा।
आपने देखा होगा दूसरे लोग किस तरह से इसे हज़म कर लेते हैं। हैरान मत हों यही तो ग्रह हैं आपके और इससे ठीक उल्टे उनके होंगे।
रिपोर्ट में क्या मिलेगा?
कुंडली का तीसरा घर जीना सिखा सकता है आपको। आपको इस रहस्य का पहली बार पता चलेगा कि क्या गलती आप आज तक करते रहे जिसकी वजह से आपको आपके हिस्से का यश नहीं मिला।
और तो और आपने अपने पार्टनर के हिस्से का यश भी ग़ायब कर दिया।
0 Comments