भाग्य इंसान का दुश्मन भी और दोस्त भी
अगर यह कहे की कुंडली का 9वाँ घर इंसान का दोस्त है तो ग़लत नहीं होगा और यह कहें कि इंसान का दुश्मन है तो वो भी ग़लत नहीं होगा। आइए इस बात को साबित करते हैं।
ज्ञान के बिना दुश्मन
कभी कभी इंसान दुर्भाग्य के कारण उन लोगों को ठुकरा देता है जो उसके लिए सबसे अधिक मददगार सिद्ध हो सकते थे
जिसके पास लोगों की पहचान करने का ज्ञान नहीं है उसके लिए यह स्थान दुर्भाग्य है
नौवां स्थान जीवनदान
दुनिया में इंसान का होना न होना एक इत्तेफ़ाक़ नहीं है। नौवें स्थान में यदि शुभ ग्रहों की कृपा हो तो जीवनदान की नौबत नहीं आती जीवन पर कोई विपत्ति ही नहीं आती यहीं से तय होता है पुरे जीवन का सफर जब जिंदगी में मृत्यु सामने हो और फ़ैसले की घडी हो तो यह स्थान एक्टिव हो जायेगा।
नौवां घर आखरी मौका
जीवन में आखिरी मौके पर जो घटनाएं होती हैं उनके लिए कुंडली के नोवें घर पर पाप ग्रहों का प्रभाव जिम्मेदार होता है। पाप ग्रह फैसला करेंगे कि आखिरी मौका आपको सफल बनाएगा या असफल। ज्यादातर आखिरी मौके पर आपकी हार होगी।
दूसरी औरत दूसरा आदमी
पत्नी के जैसी औरत और उससे ज्यादा खूबसूरत उससे ज्यादा केयर करने वाली सुशील और विनम्र औरत नोवें घर से देखते हैं। पति से उत्तम गुणवान और बेहतर व्यक्ति की कल्पना इसी घर से होती है।
बेबसी तन्हाई और लाचारी
आपकी सभी मजबूरियां आपकी बेबसी लाचारी नौवां स्थान तय करता है। यह सब कितनी देर जीवन में रहेगा इसका नौवें घर से पता चलता है।
आपके जीवन की प्यास
आप जीवन में जितनी ठोकरे खाते हैं जितना संघर्ष करते हैं उतनी ही आपकी प्यास बढ़ती चली जाती है। जिस प्रकार मेहनत करने से शरीर में भूख प्यास उत्पन्न होती है इस प्रकार संघर्ष करने से सफलता की प्यास बढ़ती जाती है। नौवें घर पर repeat होने वाले ग्रहों का असर ठोकरों के बाद प्यास पैदा करता है।
मनहूस दोस्त और लक्की दुश्मन
कुछ दोस्त जब जीवन में आते हैं तो उनका दुर्भाग्य आपका दामन थाम लेता है। लेकिन कुछ दुश्मन आपके जीवन में आते ही आपका व्यक्तित्व और सामर्थ्य बढ़ा देते ताकि आप संघर्ष कर सको दोस्ती और दुश्मनी बराबर वालों में होती है कभी-कभी कुंडली का नौवां घर इन सब बातों का एहसास कराता है।
पहली नौकरी और शादी के बाद का प्रेम
इंसान अपना पहला इश्क और नौकरी कभी नहीं भूलता। परंतु नौवें घर से जो प्रेम भावना उत्पन्न होती है वह या तो पहली नौकरी के प्रति होगी या फिर शादी के बाद अचानक पता चलेगा कि प्रेम नाम की भी कोई चीज दुनिया में होती है। यह सभी तथ्य शुक्र, चंद्रमा, बुध और केतु नौवें घर के साथ मिलकर सिद्ध करेंगे।
बगुलाभगत और अंतर्यामी
पाप ग्रह और शुभ ग्रह मिलकर नौवें घर में बगुलाभगत बनाएंगे परंतु शुभ ग्रह (थोड़े शक) के साथ अंतर्यामी शख्सियत बनाते हैं जिनको सब कुछ पता चल जाता है (अंतर्यामी) वह नौवें घर के धनी होते हैं।
उम्र में बड़ी महबूबा
बड़ी होने से यहां हमारे तात्पर्य औधे में बड़ी रुतबे में बड़ी समर्थ में बड़ी होने से है।
कभी-कभी महबूब या महबूबा के गुण इतने बढ़ जाते हैं कि दुनिया को भारी अंतर दिखाई देता है इन दोनों में। यह विसंगति इसी स्थान में पाई जाती है।
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