जन्मकुंडली का पहला स्थान आपकेवजूद का है। नौ ग्रहों में वजूद के लिए चिंता करने वाले ग्रहों में पहला नम्बर है सूर्य इसके बाद में चंद्रमा मंगल और फिर बृहस्पति आते हैं।
बुध तो व्यापारी है एक उत्कृष्ट व्यापारी को अपने वजूद से अधिक अपने काम धंधे और अपने परिवार से लगाव होता है। बुध का परिवार है उसके कस्टोमर।
इस मामले में शुक्र फ्लेक्सिबल है। देश काल परिस्थिति के अनुसार अपने आप को एडजस्ट कर लेना और अधिक न सोचना इसका स्वभाव है।
शनि के लिए वजूद मायने नहीं रखता। परंतु इसका अर्थ यह नहीं की शनि से संबंधित लोगों कावजूद नहीं होता। परंतु उसके मायने कुछ और होते हैं। यह किंग मेकर है इसलिए अपनी चिंता नहीं करता।
राहू के लिए यह सब बेकार की बातें हैं क्योंकि जिसके पक्ष में हो जाता है वो उसी के झंडे गाड़ देता है तो उसके लिए आदर्श की बात करना मतलब समय नष्ट करना।
केतु वाले व्यक्ति को वजूद का न कोई भान होता है ना घमंड बल्कि उसको तो अपने वजूद की फ़िक्र इसलिए नहीं होती की वो शरीर से परे हैं।
ये हैं एक जानी मानी शख़्सियत। पिता एक्टर हैं अच्छा ख़ासा नाम था परन्तु फिर भी अपने दम पर अपना वजूद तलाश किया और छोटे पर्दे पर 1 बड़ा नाम बन गया। बिलकुल सही पहचाना एकता कपूर।
इनकी कुंडली में लग्न का स्वामी चन्द्र दशम भाव में है। लग्न पर शुक्र की स्थिति है और गुरु की दृष्टि इनको सेल्फ मेड शख़्सियत बनाती है। इन्होंने अपना वजूद साबित किया।
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