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घर के बुजुर्ग शनि और बृहस्पति

घर के सभी बुजुर्ग शनि और बृहस्पति के अंतर्गत आते हैं। यदि कुंडली में शनि पर मित्र ग्रहों का प्रभाव हो तो बुजुर्गों का साथ लम्बे समय तक रहता है। परन्तु यदि शनि गुरु पर शत्रु ग्रहों का प्रभाव हो तो बुजुर्गों की कृपा और आशीर्वाद ज्यादा नहीं मिलते।

उनकी नजर कोई नहीं उतारता।

कुंडली में शनि और बृहस्पति चाहे कैसे ही हों उन्हें आप उपाय करके कंट्रोल कर लेंगे परन्तु यदि बुजुर्गों को नजर लग जाये तो उनकी कोई नजर भी नहीं उतारता।

शारीरिक क्षमता पर टिप्पणी

नानी जी आपकी ऑंखें बड़ी तेज हैं। दादी जी आप अपने लिए खाना खुद बना लेते हैं? इतनी उम्र में भी आप इतना अच्छा खाना कैसे बनाते हो? नाना जी के कान बड़े तेज हैं। हमारे दादा जी अभी भी साईकिल पर पूरे शहर का चक्कर लगा आते हैं। दादा जी सैर पर रोज जाते हैं ? नानी जी आप इतनी सुबह उठ कर पूजा पाठ कर लेते हो हमसे तो उठा ही नहीं जाता।

खाने पीने की क्षमता

नानी आप इतनी उम्र में भी इतना मीठा कैसे खा लेते हो। दादा जी तो पानी पूरी भी खा लेते हैं। अंकल जो आप बीपी शुगर की कोई दवाई नहीं लेते ? आंटी आप इतना नमक मिर्च कैसे खाओगे ? इतनी उम्र में भी आप तो एकदम फिट हो। इतनी उम्र में भी आंटी बाजार से सब्जी सामान वगैरह ले आते हैं। इतनी उम्र में भी आप सीढ़ियां चढ़ लेते हो। ये सब टिप्पणियां करने से बचें।

कुंडली के बृहस्पति और शनि को बुजुर्गों के आशीर्वाद के रूप में देखा जाता है। बृहस्पति आपका अगर जागृत नहीं है तो प्रतिदिन घर से निकलते समय बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करें। शुक्र के साथ केतु है तो आपके घर में बुजुर्ग महिला का आशीर्वाद आपके संकट टाल सकता है।

गुरु और शनि का सम्बन्ध

गुरु और शनि का सम्बन्ध – आपके घर के किसी ऐसे बुजुर्ग की कृपा आप पर रहेगी जो मृत्यु के उपरांत भी आपके साथ हो।

याद रखना

बृहस्पति और शनि की दशा अन्तर्दशा में जो कुछ शुभ होना है वो इन्ही दोनों के आशीर्वाद से होगा। घर में बुजुर्ग हैं तो बिना मांगे आपके पास उनके पास होने मात्र से आशीर्वाद होता है। जिस घर में ये नहीं होते उन से पूछो।


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