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दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक पूरी तरह से चालाक और शातिर दूसरे भोले भाले और मासूम ये दोनों ही बुध ग्रह की श्रेणी में आते हैं।

सभी तो नहीं परंतु ऐसा सेल्समैन जो कई साल हो गए वहीं का वहीं है बुध के अंतर्गत काम करता है। ऐसा शिक्षक जिसका आपको कही विकल्प दिखाई ना दें बुध ग्रह की श्रेणी में आता है।

वह वक़ील जो वित्तीय मामले देखता है या फिर वह वक़ील जो एक हारे हुए केस में जान डाल दें एक हारे हुए केस को जिता दे बुध की श्रेणी में आता है

सूर्य का जवाब चंद्र के पास है चंद्र का जवाब मंगल के पास है मंगल का जवाब बृहस्पति के पास और बृहस्पति का जवाब शुक्र के पास है शुक्र का जवाब केतु के पास है केतु का जवाब है राहु के पास है राहु का जवाब शनि के पास है और शनि का जवाब बुद्ध है

सूर्य पिता है तो चंद्रमा माता है और मंगल पुत्र का कारक ग्रह है। पुत्र के गुरु है बृहस्पति। बृहस्पति को भी जो ज्ञान दे दे वो है शुक्र। शुक्र को रूहानी ज्ञान देने वाला केतु है। केतु को राहू हमेशा कंट्रोल करता है और राहू को शनि निर्देश दे सकता है। शनि बुध की बात मानता है

कुंडली में बुध अच्छा है तो कपड़े के व्यापार से आप जुड़े रहेंगे नहीं तो अकाउंट अकाउंटेंट से आपका कोई न कोई सम्बंध होगा।

बुध थोड़ा और अच्छा हो तो अकाउंट मैनेज करना मुश्किल हो जाता है पैसे को संभाल कर रखना एक सिरदर्द बन जाता है। मुसीबत पैसा आने में नहीं होती बल्कि बहूत सारा पैसा आ रहा है परंतु जा कहाँ रहा है ये नहीं पता चलता। कारण यह है कि बुध ग्रह को कंट्रोल करना नहीं आ रहा।

और गलती से यदि बुध ग्रह के साथ राहु हो साथ में तो मुसीबत और बढ़ जाती है की बहती गंगा में दूसरे लोग भी हाथ धोते हैं आप उन पर कंट्रोल नहींकर सकते।मतलब इतना पैसा आएगा की आपकी वजह से दूसरे लोग अमीर हो जाएंगे और आपका एहसान भी नहीं।

यह बात अच्छे बुध की हो रही थी। यदि बुध कुंडली में थोड़ा सा भी ख़राब हो तो वाणी में रुकावट डालता है बोलने में गलती है या अवरोध पैदा करता है। पढ़ने या लिखने की क्षमता कम होती है। एक बात मुँह से निकल गई और उसी पर महाभारत शुरू हो गई ऐसे दोष बुध के कारण उत्पन्न होते हैं।


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