जन्मकुंडली में आपके जीवन की सभी घटनाएँ के प्रमुख रूप से लिखी रहती है इसे पढ़ने के लिए अनुभवी ज्योतिष की आवश्यकता है। एक ज्योतिषी होने के नाते हम अपने विद्यार्थियों को जीवन कैसे जीना है इसका तरीक़ा सिखाते हैं।
हमारे पास आने वाले हज़ारों clients में से relationship matter सबसे ऊपर रहता है और youth चाहता है कि उन्हें अपना जीवनसाथी मिले।
इसलिए आज इस घड़ी में हम आपको बताना चाहते हैं कि क्या कारण हैं जिसकी वजह से आप एक रिलेशनशिप में इतना अधिक सीरियस हो जाते हो कि उससे दूर जाने के बाद भी आप उसके बहुत क़रीब रहते हो। वो क्या कारण है कि आप अपने पार्टनर से हमेशा कनेक्ट रहना चाहते हो?
इसके साथ ही हम इस मुद्दे पर भी विचार करेंगे कि परिस्थितियां अगर ब्रेकअप की ओर जाने लगें तो आप उसे रोकते क्यों नहीं और फिर ब्रेकअप हो जाने के बाद आपको वापस क्यों लौटना पड़ता है।
कुंडली का 5वाँ घर
यही वह स्थान है जो आपको अपने पार्टनर की ओर आकर्षित करता है और आपका पार्टनर आपकी ओर आकर्षित होता है। अगर यह आकर्षण नैचुरल है तो यह आठ प्रकार का हो सकता है। नौवें प्रकार का आकर्षण स्वाभाविक नहीं है बल्कि ज़बरदस्ती बनाया गया आकर्षण है।
अब बात करते हैं सबसे पहले आकर्षण की यह सूर्य से सम्बंधित है कि इसमें कुंडली के पंचम भाव पर सूर्य का प्रभाव सबसे अधिक होने के कारण आपका खिंचाव आपके पार्टनर की ओर रहेगा। यह राजसी है न इसलिए इसमें कम प्राइज़ नहीं होगा इस आकर्षण में ज़िद्द और महत्वकांक्षा की मात्रा अधिक रहेगी।
चंद्रमा पंचम भाव में
अगर यह चंद्रमा के कारण है तो आप अपने पार्टनर से भावनात्मक रूप से गहरे जुड़े रहेंगे और यह भावनात्मक संबंध इस जन्म में जारी रहेगा यह कभी किसी और के प्रति नहीं हो सकता।
मंगल पंचम भाव में
अगर यह मंगल के कारण है कि न तो इसका अर्थ है आप अपने एक X को भुलाने के लिए दूसरे जीवन साथी का चुनाव करेंगे और इसमें बहुत हद तक सफल रहेंगे परंतु जैसे ही मंगल की स्थिति गोचर में कमज़ोर पड़ेगी आपको अपने X की ओर जाने पर मजबूर करेगी और आप अपने आपको रोक नहीं पाएंगे।
जैसे कोई सिगरेट को छोड़ने के लिए तंबाकू का प्रयोग करता है उसी प्रकार आपका यह प्रयास रहेगा।
बुध पंचम भाव में
अगर यह आकर्षण बुद्ध के कारण है तो ये एक तरफ़ा है इसका अर्थ है आप और आपके जीवनसाथी के भीतर एक तरफ़ा आकर्षण होगा और दूसरा इसका फ़ायदा उठाएगा यह संबंध भी लंबा चलेगा।
गुरु पंचम भाव में
आपको जीवन भर एक ही जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रखेगा और यह एक आदर्श आकर्षण है जिसको अपना मान लिया उसी के साथ ज़िंदगी गुज़रेगी। यहाँ किसी तीसरे का आगमन नहीं हो सकता।
शुक्र को पंचम भाव में
आपका अपने साथी के प्रति आकर्षण उसके सौंदर्य की वजह से है जो निरंतर बढ़ता जाएगा इसमें उम्र मायने नहीं रखती बल्कि उम्र के बढ़ने के साथ साथ यह आकर्षण और अधिक तीव्र होता जाएगा। आपके जीवन में और लोग भी आएंगे परंतु वो सब को मिलकर भी आपके जीवनसाथी के प्रति आपके प्रेम को कम नहीं कर पाएंगे।
शनि पंचम भाव में
अगर शनि ग्रह के कारण यह आकर्षण है तो यह आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अतिश्रेष्ठ आकर्षण है। परंतु भौतिक दृष्टि से आपको अपने जीवनसाथी के प्रति कोई आकर्षण नहीं होगा फिर चाहे आपका जीवनसाथी कितना ही सुंदर क्यों न हो। आप और आपके जीवनसाथी के अंदर चाहे कितना ही गुण हूँ कितनी ही सुंदर जोड़ी हो एक दिन लोग यह देखकर हैरान होंगे कि साथ रह कर भी आप एक दूसरे से कितनी दूर हैं।
राहू पंचम भाव में
अगर यह आकर्षण राहू के कारण है तो इससे धोखा फ़रेब और सौंदर्य का मिश्रण रहेगा है अनेक रिश्ते इसमें शामिल होंगे परंतु किसी एक के प्रति श्रद्धावान आप कभी नहीं होंगे बल्कि हर रिश्ते के प्रति आपकी सोच सकारात्मक रहेगी। आप किसी एक बंधन में बंधकर नहीं रह सकते हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि जीवन पर्यंत यह आकर्षण जस का तस रहेगा। आपका जीवनसाथी चाहे आपसे कितना भी दूर चला जाएगा संभावना ये रहेगी कि 1 ना एक दिन आपके पास वापस आएगा।
केतु पंचम भाव में
यहाँ केतु का संबंध होने पर यह आकर्षण सुपर नैचुरल हो जाता है इसमें आप अपने जीवनसाथी को आकर्षित करने के लिए नैतिक या अनैतिक हर प्रकार के साधन का चुनाव करेंगे और अंततः आप अपने जीवनसाथी को आकर्षित करने में सफल रहेंगे फिर भी यह जादू एक निश्चित समय तक ही साथ रहता है उसके पश्चात इसका प्रभाव समाप्त हो जाता है। अगर केतु का प्रभाव पंचम भाव पर है तो आप चाहे जितना भी प्रयास कर ले अपने जीवनसाथी से दूर जाने का आपको सारे बंधन तोड़कर फिर से उसके पास आना ही होगा। क्योंकि यह नैचुरल नहीं सुपर नैचुरल आकर्षण है यही कारण है आपके X को आप आसानी से भुला नहीं सकते।
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